किसान न्याय योजना: क्या है राजीव गाँधी किसान न्याय योजना?

छत्तीसगढ़ राजीव गाँधी किसान न्याय योजना
 छत्तीसगढ़ राजीव गाँधी किसान न्याय योजना: भारत  में  छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रस्तुत राज्य के बजट सत्र में किसानों के कल्याण के लिए 5700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.
जिसके माध्यम से पूर्व  प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के शहीदी दिवस 21 मई 2020 को राजीव गांधी किसान न्याय योजना कि शुरुआत कि गयी.
छत्तीसगढ़ में कुल कृषि योग्य भूमि 46.77 लाख हेक्टेयर है। राज्य की 70% आबादी कृषि में लगी हुई है और लगभग 37.46 लाख किसान परिवार हैं। इस योजना का उद्देश्य फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करना और कृषि क्षेत्र में वृद्धि करना है। योजना के तहत 5750 करोड़ रुपये की राशि चार किश्तों में किसानों के खातों में स्थानांतरित की गई।
प्रदेश के 19 लाख किसान इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। योजना के प्रारंभिक वर्ष में धान, मक्का और गन्ना (रबी)  की फसलों को शामिल किया गया। खरीफ फसलों के उत्पादन पर प्रति वर्ष 9,000/- रूपये प्रति एकड़ की आदान सहायता। धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसलों के उत्पादन पर प्रति वर्ष 10,000/- रूपये प्रति एकड़ की आदान सहायता। धान के स्थान पर वृक्षारोपण करने पर प्रति वर्ष 10,000 रूपये  प्रति एकड़ की सहायता।

वेबसाइट

  एकीकृत किसान पोर्टल 

कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रद्यिगिकी विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार

छत्तीसगढ़ जनसंपर्क पोर्टल

 ग्राहक देखभाल फ़ोन नंबर

  • छत्तीसगढ़ राजीव गाँधी किसान न्याय योजना फ़ोन नंबर :- 0771-2511635
  • ईमेल :- diagricg.cg@nic.in.

सूचना विवरण

छत्तीसगढ़ राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के अधिकारिक दिशानिर्देश-

योजना का अवलोकन
योजना का नाम छत्तीसगढ़ राजीव गाँधी किसान न्याय योजना
आरंभ होने की तिथि 21 मई 2020.
लाभ
  • खरीफ फसलों के उत्पादन पर प्रति वर्ष 9,000/- रूपये प्रति एकड़ की आदान सहायता।
  • धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसलों के उत्पादन पर प्रति वर्ष 10,000/- रूपये प्रति एकड़ की आदान सहायता।
नोडल एजेंसी कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्यिगिकी विभाग, छत्तीसगढ़
आवेदन का तरीका एकीकृत किसान पोर्टल

क्या है राजीव गाँधी किसान न्याय योजना?

  • राजीव गाँधी किसान न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार की किसानो के लिए एक योजना है।
  • यह योजना स्व: राजीव गाँधी जी की पुण्यतिथि पर 21 मई 2020 को शुरू की गयी थी।
  • इस योजना का प्रमुख उद्देश्य किसानो को फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर कृषि रकबे में वृद्धि करना है।
  • इस योजना के तहत 5750 करोड़ रूपये की राशि किसानो के खातों में ट्रांसफर की जायगी।
  • ये राशि 4 किस्तों में किसानो के खातों में ट्रांसफर की जायगी।
  • कोरोना काल में शुरू की गयी इस योजना ने किसानो को बहुत बड़ी राहत प्रदान की है।
  • इस योजना से लगभग छत्तीसगढ़ राज्य के 19 लाख किसानो को फायदा मिलेगा।
  • योजना शुरू होने के तुरन्त बाद ही राज्य सरकार द्वारा पात्र किसानो के खातों में 1500 करोड़ रूपये ट्रांसफर कर दिए गए।
  • योजना के शुरुवाती वर्ष में सिर्फ धान, मक्का और गन्ना की फसलों को शामिल किया गया था।
  • परन्तु उसके बाद इसमें अब तक 13 से ज़्यादा प्रकार की फसलें शामिल की जा चुकी है।
  • जिनमे वर्ष 2020-2021 में दलहन एवं तिलहन की फसलों को शामिल किया गया था।
  • योजना में वर्ष 2021-2022 से खरीफ की सारी फसलें इस योजना के अंतर्गत शामिल कर ली गयी है।
  • इस योजना के तहत किसानो को खरीफ फसलों का उत्पादन करने पर प्रति वर्ष 9,000/- रूपये प्रति एकड़ की सहायता प्रदान की जायगी।
  • अगर पात्र किसान धान की फसल के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगन्धित धान, अन्य फोर्टीफ़िएड धान लगाते है तो उन्हें प्रति वर्ष 10,000/- रूपये प्रति एकड़ की सहायता राशि प्रदान की जायगी।
  • यदि पात्र किसान धान के बदले वृक्षारोपण करता है तो तब भी उससे प्रति वर्ष 10,000/- रूपये प्रति एकड़ की सहायता राशि प्रदान की जायगी।
  • वृक्षारोपण करने वाले किसानो को सहायता राशि केवल 3 साल तक प्रदान की जायगी।
  • राजीव गाँधी न्याय योजना के तहत 2021-2022 में 22.87 लाख किसानो के खातों में 1720.11 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया।

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना  का उद्देश्य

  • फसल कवर, उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना।
  • फसल बुवाई में आई लागत को किसानो को वापस कर उनकी आय में वृद्धि करना।

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना अंतर्गत मिलने वाले लाभ

  • खरीफ की प्रमुख फसलों जैसे धान, मक्का, कोदो कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना का उत्पादन करने वाले किसानो को हर वर्ष 9,000 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से आदान सहायता राशि दी जायगी।
  • जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वे धान के बदले निम्नलिखित में से कोई भी फसल लगाते है तो किसानो को प्रति एकड़ 10,000 रूपये की आदान सहायता राशि हर वर्ष दी जायगी।
  • निम्नलिखित फसलें इस प्रकार है :
  1. कोदो कुटकी।
  2. गन्ना।
  3. अरहर।
  4. मक्का।
  5. सोयाबीन।
  6. दलहन।
  7. तिलहन।
  8. सुगन्धित धान।
  9. अन्य फोर्टीफ़िएड धान।
  10. केला।
  11. पपीता।
  • यदि किसान उक्त रकबे पर धान के स्थान पर अगर वृस्क्षारोपण करते है तो तब भी उन्हें हर वर्ष 10,000 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से आदान सहायता प्रदान की जायगी।
  • वृक्षारोपण करने वाले किसानो को केवल 3 वर्षो तक ही आदान सहायता राशि प्रदान की जायगी।

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के लिए पात्रतायें

  • आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का निवासी होना चाहिए।
  • आवेदक सीमांत कृषक, लघु कृषक या दीर्घ कृषक होना चाहिए।
  • आवेदक की आयु 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  • सभी श्रेणी के भू-स्वामियों और वन पट्टाधारकों के किसान योजना का लाभ पाने के पात्र है।

किसान जो पात्र नहीं होंगे

  • संस्थागत भू स्वामी क्रिशम ये योजना के के अंतर्गत पात्र नहीं है।
  • रेगहा/बटाईदार/लीजी कृषक इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं है।
  • फसल के अवशेषों को जलने वाले किसान इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र नहीं होंगे।

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के अन्तर्गत शामिल फसलें

  • धान
  • मक्का
  • सोयाबीन
  • मूंगफली
  • तिल
  • अरहर
  • मूंग
  • उड़द
  • कुल्थी
  • रामतिल
  • कोदो
  • कुटकी
  • रागी
  • गन्ना

राजीव गाँधी किसान न्याय  योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड।
  • ज़मीन के दस्तावेज़।
  • आयु का प्रमाण।
  • फोटो।
  • वोटर आईडी कार्ड।
  • मोबाइल नंबर।
  • स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
  • बैंक पासबुक।

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना का पंजीयन कैसे करें

  • किसानों को राजीव गाँधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने हेतु सर्प्रथम एकीकृत किसान पोर्टल  पर पंजीकरण करवाना होगा।
  • पंजीकरण करते समय सभी आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आवेदन पत्र, आधार कार्ड, बैंक का विवरण, ज़मीन के दस्तावेज़, स्थायी निवास प्रमाण पत्र अपलोड करने होंगे।
  • संयुक्त खातेदार होने की दशा में, समस्त खाता धारक द्वारा नामित व्यक्ति के नाम से आवेदन किया जायगा।
  • आवेदन पत्र के साथ समस्त खाता धारकों की सहमति प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
  • सभी अनिवार्य विवरण भरने के बाद आवेदन पत्र पोर्टल पर ही सबमिट हो जायेगा
  • आवेदन का सत्यापन होने के पश्चात, स्वीकृत व अस्वीकृत होने की दशा में किसान को कोड के माध्यम से दी जायगी।
  • पंजीकरण होने के पश्चात किसान को एक यूनिक आईडी नंबर दिया जायगा।
  • उसी यूनिक आईडी नंबर से आवेर्दक अपने आवेदन का स्टेटस भी जान सकता है।

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के महत्वपूर्ण बिंदु

  • योजना के अंतर्गत लाभ केवल योजना में निर्धारित फसलों पर ही देय होगा।
  • आदान सहायता हेतु किसानो को आवेदन पत्र के साथ राजीव गाँधी किसान न्याय योजना पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है।
  • अपंजीकृत किसानो को योजना के अंतर्गत अनुदान देने की पात्रता नहीं होगी।
  • पात्रता निर्धारित करते हुवे सरकार द्वारा कृषि भूमि सीलिंग क़ानून के प्रावधानों का भी ख्याल रखा जायगा।
  • आवेदन पत्र में सही जानकारी भरना अनिवार्य है।
  • गलत जानकारी देकर सहायता राशि का लाभ लेने वालो पर भू-राजस्व संहिता के प्रचलित प्रावधान के अनुसार राशि वसूल की जायगी।
  • अगर किसी वजह से पंजीकृत किसान की मृत्यु हो जाती है तो तहसीलदार के द्वारा नामांकित व्यक्ति को आदान सहायता राशि प्रदान की जायगी।
  • कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,000 रूपये प्रति क्विंटल होगा।
  • योजना के अंतर्गत आदान राशि सीधे किसानो के बैंक खातों में किश्तों के रूप में भुगतान किया जाएगा।
  • राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत अभी तक किसानो के बैंक खातों में 12 हज़ार 209 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
  • वर्ष 2019 में 19 लाख किसानो को 5628 की राशि का भुगतान उनके बैंक खातों में किया गया।
  • वर्ष 2020 में धान व गन्ना किसानो को इस योजना के तहत 5702 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
  • वर्ष 2021 में धान व गन्ना किसानो को 5600 करोड़ का भुगतान सरकार द्वारा किया गया।

महत्वपूर्ण आवेदन पत्र

 

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