Ram Mandir: रामलला का पुजारी बनने का सुनहरा मौका! फटाफट करें आवेदन, यहां जानें नियम और शर्तें

सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. वेदपाठी विद्यार्थी, उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच है और गुरुकुल से शिक्षा… अगर रामानंदी दीक्षा से युक्त हैं तो यह खबर महत्वपूर्ण है. दरअसल अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नए अर्चकों यानी पुजारियों की नियुक्ति करेगा. इसके लिए इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन मांगे गए हैं. आवेदन के लिए अंतिम तारीख 31 अक्टूबर है. प्रवेश परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को 6 माह की ट्रेनिंग दी जाएगी.

बता दें कि जनवरी 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. उससे पहले ट्रस्ट की तरफ से भगवान रामलला के दैनिक श्रृंगार, पूजन और भोग की व्यवस्था के लिए नये अर्चकों की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए हैं. इच्छुक अभ्यर्थी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर हैं. जबकि अयोध्या क्षेत्र के अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी.

6 महीने दिया जाएगा प्रशिक्षण 
प्रवेश परीक्षा के माध्यम से अर्चकों का चयन किया जाएगा. इसके बाद 6 महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान अर्चकों को 2000 रुपये माह छात्रवृत्ति भी दी जाएगी. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य गोविंद देव गिरी ने बताया कि आवेदकों की उम्र 20-30 वर्ष के बीच होनी चाहिए. साथ ही आवेदक ने 6 माह की श्री रामनन्दनीय दीक्षा ली हो और गुरकुल शिक्षा पद्धति से पढ़ाई की हो. ट्रेनिंग के दौरान अर्चकों को रहने खाने की भी व्यस्था रहेगी. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद उत्कृष्ट अर्चकों की तैनाती राम मंदिर में की जाएगी .

वेदपाठी विद्यार्थियों को वरीयता
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि राम मंदिर ट्रस्ट ने राम मंदिर में अर्चक और पुजारी के लिए आवेदन मांगे हैं. अयोध्या के वेदपाठी विद्यार्थियों को वरीयता दी जाएगी. इच्छुक अभ्यर्थी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वेबसाइट पर जाकर अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

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नियम व शर्तें
वेदपाठी विद्यार्थियों की उम्र 20 से 30 वर्ष तक होनी चाहिए, तो पारंपरिक गुरुकुल शिक्षा अनिवार्य है. अयोध्या परिक्षेत्र को वरीयता दी जाएगी. साथ ही श्री रामानंदी दीक्षा से विद्यार्थी युक्त होना चाहिए. तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा वैदिक विद्वानों द्वारा 6 माह का प्रशिक्षण कराएगा.तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा प्रशिक्षित अर्चक को प्रमाण पत्र मिलेगा.

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