शिवहरि दीक्षित/हरदोई. यूपी के हरदोई में एक किसान के द्वारा खेती से लाखों रुपये की कमाई की जा रही है. यह खेती कोई धान, गन्ना या फिर गेहूं की नहीं बल्कि खास किस्म के फूलों की है. इसे वह अपने खेतों में उगाते हैं और बड़े शहरों में सप्लाई कर लाखों में मुनाफा कमाते हैं.
हरदोई के बावन कस्बे में रहने वाले समीर सिंह गेहूं गन्ना या फिर धान की खेती ना करके जरबेरा फूल की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसकी खेती से पहले जमीन का सॉइल टेस्ट कराना जरूरी होता है. लैब में मिट्टी की जांच में पता चलता है कि यहां की मिट्टी में यह कमियां हैं तो उसी आधार पर उन कमियों को पूरा किया जाता है. वैज्ञानिकों के द्वारा सलाह दी जाती है कि इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम या फिर अन्य कोई कमी रहती है तो उस कमी को पूरा किया जाता है. समीर सिंह ने बताया कि जरबेरा टिशू कल्चर बेस्ड पौधा है. यह लैब में तैयार होता है और यह हॉलैंड की वैराइटी है. वह इसे पूना से मंगाते हैं.
नौ रंगों के उगाते हैं जरबेरा फूल
समीर सिंह ने बताया कि जरबेरा को इंग्लिश फूल कहा जाता है. हरदोई में वह नौ तरीके के फूल उगाते हैं. इसमें रेड, व्हाइट, पिंक, येलो, डार्क येलो, लाइट येलो, रानी कलर आदि शामिल हैं.
90 दिनों में तैयार होता है पौधा
समीर सिंह ने बताया कि जरबेरा की खेती करने के लिए काफी तैयारियां करनी पड़ती हैं. शेल्टर के साथ साथ पौधों को रोपित करने के लिए बेड (मिट्टी की लंबाई में मेड़ बांधना) तैयार किया जाता है. उसके बाद जरबेरा के पौधों को रोपित किया जाता है. उन्होंने बताया कि अगर सारी बातों का अच्छे से ध्यान रखते हुए अगर इसे उगाया जा रहा है, तो यह जरबेरा का पौधा 90 दिनों में तैयार हो जाता है और फूल निकलने शुरू हो जाते हैं.
होती है 15 लाख की कमाई
किसान समीर सिंह ने बताया कि इन जरबेरा के फूलों को उगाने के बाद उनकी कटाई करवाकर उन्हें सुरक्षित तरीके से सप्लाई किया जाता है. सप्लाई के लिए वह इसे लखनऊ भेजते हैं. जहां पर फूलों की सबसे बड़ी मंडी लगती है. साथ इससे मुनाफे की बात पर कहा कि अगर सब कुछ सही रहा और मार्केट रेट भी अच्छा रहा, तो 70 बीघे की जमीन पर की गई जरबेरा की खेती से लगभग 15 लाख रुपये की कमाई हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : October 24, 2023, 09:45 IST